- सांसद द्वारा मानव संसाधन मंत्री को पत्र लिखने के बाद आने का रास्ता खुला, 14 दिन स्कूल में क्वारैंटाइन रहेंगे
- माइग्रेशन नीति के तहत 9वीं के 30 प्रतिशत विद्यार्थी दूसरे प्रदेशों में गए थे, लॉकडाउन के कारण फंस गए थे
दैनिक भास्कर
Apr 25, 2020, 02:31 PM IST
नागदा/उज्जैन. लॉकडाउन के कारण गुजरात के कच्छ में फंसे नवोदय विद्यालय बुरानाबाद के 26 विद्यार्थी और दो शिक्षक शुक्रवार देर रात घर पहुंचे। यहां शिक्षक और छात्रों का स्वास्थ्य परीक्षण किया गया। इसके बाद उन्हें स्कूल में ही 14 दिनों के लिए क्वारैंटाइन कर दिया गया। बच्चों के फंसे होने की सूचना के बाद 16 अप्रैल को सांसद ने पत्र लिखकर सभी बच्चों को सुरक्षित घर पहुंचाने का आग्रह मानव संसाधन विकास मंत्रालय से किया था। इसके बाद से ही वे लगातार मंत्रालय, बच्चों और परिजनों के संपर्क में थे।
शुक्रवार रात करीब 1 बजे बस में सवार होकर 26 विद्यार्थी बुरानाबाद अपने स्कूल पहुंच गए। यहां पूर्व विधायक दिलीप सिंह शेखावत, सांसद अनिल फिरोजिया के प्रतिनिधि प्रकाश जैन, भाजपा मंडल अध्यक्ष सीएम अतुल ने पहुंचकर विद्यार्थियों और उनके परिजन से बातचीत कर हालचाल पूछा। यहां इनका स्वास्थ्य परीक्षण कर एसडीएम वीरेंद्र दांगी के आदेश पर 14 दिन स्कूल में ही क्वारैंटाइन में रखने की बात कही गई।
20 घंटे का सफर, जहां रोकते खाचरौद प्रशासन करता बात
कच्छ में फंसे इन विधार्थियों को अनुमति मिलने के बाद गुरुवार-शुक्रवार की रात करीब 3 बजे वहां से रवाना किया गया। ये बच्चे करीब 20 घंटे का सफर तय कर शुक्रवार रात करीब 1 बजे बुरानाबाद पहुंचे। इस सफर में लॉकडाउन के चलते इनकी बस को जगह-जगह रोका गया, लेकिन हर बार खाचरौद प्रशासन वहां के ड्यूटी पर तैनात अधिकारियों से बात कर इस बस को आगे बढ़वाता रहा। खाचरौद एसडीएम और तहसीलदार दोनों पूरे समय स्वास्थ्य अमले के साथ यहां मौजूद रहे।
उज्जैन सांसद की पहल के बाद पहुंचे घर
देशभर में संचालित 177 नवोदय विद्यालय के सैकड़ों छात्र माइग्रेशन नीति के तहत दूसरे प्रदेशों में गए थे, जहां लॉकडाउन के कारण फंस गए थे। इसी मामले को लेकर उज्जैन सांसद अनिल फिरोजिया ने केंद्रीय मानव संसाधन मंत्री को एक पत्र लिखा था। पत्र में देशभर जिला प्रशासन ने बात कर इन विद्यार्थियों को सुरक्षित रूप से उनके घर पहुंचाने के लिए हस्तक्षेप करने की बात कही गई थी। इस पत्र के बाद मंत्रालय ने फंसे छात्रों को उनके घर पहुंचाने के लिए सभी प्रदेशों के मुख्य सचिव से संपर्क किया। नतीजतन सभी विद्यार्थियों के अपने घर पहुंचने का रास्ता साफ हो गया।

5 बजे से ही स्कूल की गेट पर पहुंच गए थे अभिभावक
दरसल, उम्मीद थी कि छात्रों की बस शुक्रवार शाम तक बुरानाबाद पहुंच जाएगी, लेकिन जगह-जगह चेकिंग के कारण बस को यहां पहुंचने में आधी रात हो गई। इस दौरान विद्यार्थियों के अभिभावक शाम 5 बजे से ही स्कूल के गेट पर पहुंचकर बस के आने का इंतजार कर रहे थे, लेकिन अंतिम समय में सभी को स्कूल में ही क्वारैंटाइन करने की सूचना मिलने के बाद सभी अभिभावकों के चहरे उतर गए। दरअसल, उनका कहना था कि बच्चे पहले ही लॉकडाउन के कारण एक माह से अधिक समय से उनसे दूर हैं। अब 14 दिन का इंताजर और करना पड़ेगा, तब जाकर बच्चे घर पहुंच पाएंगे।
गुजरात में इस कारण फंसे थे बच्चे
माइग्रेशन नीति के तहत नवोदय विद्यालय में कक्षा 9वीं के 30 प्रतिशत छात्रों काे प्रतिवर्ष एक प्रदेश से दूसरे प्रदेश में पहुंचाया जाता है। यह प्रकिया देशभर के सभी नवोदय विद्यालय में होती है, लेकिन इस बार वापसी की समयावधि पूरी होने के ठीक पहले लॉकडाउन होने के कारण ये सभी विद्यार्थी दूसरे प्रदेशों में फंस गए थे। इन सभी को वापस लाने के लिए ये पत्र लिखा गया था, जिसके बाद इनका निकलना संभव हो सका है।