- राज्य के पर्यटन मंत्री विश्वेंद्र सिंह ने कहा- धर्म के नाम पर किसी महिला को ऐसी भयानक पीड़ा झेलनी पड़े, इसे बर्दाश्त नहीं किया जा सकता
- चिकित्सा राज्यमंत्री ने मामले में सफाई दी, उन्होंने कहा- मुस्लिम होने की वजह से इलाज नहीं करने की बात निराधार
दैनिक भास्कर
Apr 05, 2020, 03:06 AM IST
भरतपुर. यहां के इरफान नाम के व्यक्ति ने मुसलमान होने की वजह से अस्पताल में गर्भवती पत्नी को इलाज नहीं मिलने का आरोप लगाया है। इरफान के मुताबिक, वह अपनी पत्नी परवीना को शनिवार सुबह भरतपुर के अस्पताल लेकर पहुंचा था। उसे रात से ही दर्द हो रहा था। अस्पताल में मौजूद ड्यूटी डॉक्टर ने मुझसे मेरा नाम पूछा, जैसे ही मैंने अपना नाम इरफान बताया। उन्होंने कहा आप मुस्लिम हो, यहां आपकी पत्नी का इलाज नहीं होगा। इसके बाद डॉक्टर ने जयपुर के लिए रेफर कर दिया। मैं उसे जयपुर जाने के लिए निकल ही रहा था कि अस्पताल के कॉरिडोर में ही पत्नी ने नवजात को जन्म दे दिया। लेकिन कुछ देर बाद ही उसकी मौत हो गई। उसने आरोप लगाया कि अगर डॉक्टर वक्त रहते पत्नी का इलाज कर देते तो बच्चे की मौत नहीं होती। उसने इस पूरी घटना का एक वीडियो बनाया, जिसे राज्य के पर्यटन मंत्री विश्वेंद्र सिंह ने अपने ट्वीटर अकाउंट पर शेयर किया। इसके बाद हड़कंप मच गया।
मंत्री विश्वेंद्र ने लिखा- भरतपुर के अस्पताल में डॉक्टर ने एक गर्भवती महिला का सिर्फ इसलिए इलाज नहीं किया, क्योंकि वह मुसलमान थी। यह बेहद शर्मनाक घटना है। किसी धर्म के चंद सिरफिरो की जमात ने पूरे भारत में तांडव मचाया है, लेकिन इसका मतलब यह कतई नहीं हो सकता कि धर्म के नाम पर किसी महिला को ऐसी भयानक पीड़ा और तिरस्कार का सामना करना पड़े। एक मां को उसके बच्चे के खोने से ज्यादा बड़ी पीड़ा कोई हो नहीं सकती… यह कतई स्वीकार्य नहीं है।
भरतपुर के जनाना अस्पताल में एक मुस्लिम गर्भवती महिला का इलाज करने से मना करते हुए डॉक्टर द्वारा कहा गया कि आप मुस्लिम हैं जयपुर जाकर इलाज करवायें। इस दौरान अस्पताल के कॉरिडोर में प्रसव के दौरान बच्चे ने दम तोड़ दिया। ये बेहद शर्मनाक घटना है…1/2 pic.twitter.com/4UzAZsqlM9
— Vishvendra Singh Bharatpur (@vishvendrabtp) April 4, 2020
सरकार की सफाई, कहा- 3 मुस्लिम महिलाओं का हॉस्पिटल में चल रहा इलाज
मंत्री के ट्वीट के बाद सरकार में हड़कंप मच गया। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और चिकित्सा राज्यमंत्री डॉ. सुभाष गर्ग के निर्देश पर जिला प्रशासन ने मामले की जांच शुरू कर दी है। चिकित्सा राज्यमंत्री ने कहा कि पीड़िता को साढ़े छह महीने का गर्भ था। महिला सुबह 8.30 बजे भरतपुर अस्पताल में पहुंचीं थी। यहां दो डॉक्टरों ने उसकी जांच की थी। क्योंकि महिला की हालत ठीक नहीं थी। इसलिए उसे जयपुर रेफर किया गया था। उन्होंने मुस्लिम होने के आधार पर इलाज नहीं करने की बात को निराधार बताया। उनके मुताबिक, पिछले पांच दिन में ही इस अस्पताल में ही 3 मुस्लिम महिलाएं भर्ती हो चुकी हैं, जिनका इलाज हुआ। इस बीच, यह जानकारी भी सामने आई है कि महिला का पति इरफान भाजपा का कार्यकर्ता है।
