- सुबह जब पुलिस और परिजन मोर्चरी में पोस्टमार्टम कराने पहुंचे तो शव गायब मिला
- जानकारी मिलते ही स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों दफ्तर में ताला लगाकर भाग निकले
दैनिक भास्कर
Jun 21, 2020, 06:53 AM IST
फरीदाबाद. बीके अस्पताल की शनिवार को बड़ी लापरवाही सामने आई। अस्पताल प्रशासन ने कोरोना मरीज समझ एक मुस्लिम युवक के शव का अंतिम संस्कार करा दिया। शनिवार सुबह जब पुलिस और परिजन मोर्चरी में पोस्टमार्टम कराने पहुंचे तो शव गायब मिला। इसके बाद परिजनों ने हंगामा शुरू कर दिया। इसे देख अस्पताल के डॉक्टर गायब हो गए।
पूरे दिन अस्पताल में हंगामा होता रहा। सूचना मिलने पर पुलिस और प्रशासन के कई उच्चाधिकारी मौके पर पहुंचे। इन्होंने परिजनों को समझाने का प्रयास किया। आखिर में परिजनों की शिकायत पर एसजीएम नगर पुलिस ने अज्ञात डॉक्टर के खिलाफ केस दर्ज कर लिया।
बल्लभगढ़ की सुभाष कॉलोनी निवासी सोनू खान नामक युवक की शुक्रवार देर रात आपसी विवाद में चाकुओं से गोदकर हत्या कर दी गई थी। आदर्शनगर पुलिस ने शव को रात 10 बजे बीके अस्पताल की मोर्चरी में रखवा दिया था। शनिवार सुबह करीब दस बजे मृतक के भाई राजू खान और अन्य परिजन पुलिस के साथ जब अस्पताल पोस्टमार्टम कराने पहुंचे तो वहां सोनू का शव गायब था।
जैसे ही इसकी जानकारी स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को हुई वह दफ्तर में ताला लगाकर भाग निकले। पुलिस सूत्रों का कहना है कि तीन दिन पहले एक कोरोना मरीज की मौत हो गई थी। उसका शव भी मोर्चरी में रखा हुआ था। अस्पताल प्रशासन ने सोनू खान के शव को ही कोरोना मरीज समझकर सुबह नगर निगम को अंतिम संस्कार करने के लिए सौंप दिया।
परिजनों ने किया हंगामा
मोर्चरी में सोनू खान के शव की तलाश करने के बाद भी जब पता नहीं चला तो परिजनों ने हंगामा करना शुरू कर दिया। देखते ही देखते हंगामा बढ़ता गया। इसकी सूचना मिलने पर पुलिस और प्रशासन के उच्चाधिकारी मौके पर पहुंच गए। एनआईटी के कांग्रेसी विधायक नीरज शर्मा समेत कुछ अन्य राजनीतिक दलों के नेता भी पहुंच गए। पूरे दिन हंगामा होता रहा। परिजन अस्पताल प्रशासन के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की मांग पर अड़े रहे।