- ऑक्सफोर्ड यूनिवार्सिटी के जेनर इंस्टीट्यूट ने वैक्सीन तैयार करने के लिए अब बायोफार्मा कंपनी एस्ट्राजेनेका के साथ हाथ मिलाया
- हाल ही में वैक्सीन ChAdOx1 का छह रीसस बंदरों पर ट्रायल हुआ जो असफल रहा और प्रयोग के बाद भी उनमें वायरस मिला
दैनिक भास्कर
May 25, 2020, 12:11 PM IST
कोरोना वैक्सीन का इंतजार कर रहे लोगों को एक और झटका लगा है। वैक्सीन तैयार कर रही ऑक्सफोर्ड यूनिवार्सिटी के जेनर इंस्टीट्यूट के प्रोजेक्ट हेड एड्रियन हिल ने कहा है कि ट्रायल में इसके सफल होने की दर 50 फीसदी ही है। हाल ही में जेनर इंस्टीट्यूट ने जानी मानी बायोफार्मा कंपनी एस्ट्राजेनेका के साथ वैक्सीन तैयार करने के लिए हाथ मिलाया है। अगर ट्रायल सफल रहता है तो दोनों मिलकर वैक्सीन लोगों तक पहुंचाएंगे।सफल नहीं रहा
अगले ट्रायल में 1 हजार लोग शामिल होंगे
वैक्सीन के प्रोजेक्ट हेड प्रोजेक्ट हेड एड्रियन हिल के मुताबिक, जल्द ही इंसानों पर शुरु होने वाले ट्रायल में 1 हजार लोगों को शामिल किया जाएगा लेकिन हो सकता है इसका कोई परिणाम न मिले। यह ऐसी रेस है जहां वायरस पकड़ नहीं आ रह है और समय तेजी से भाग रहा है।
दूसरे ट्रा्यल में 10,260 बच्चे और बड़े शामिल किए जाएंगे
शोधकर्ता के मुताबिक, 1000 इंसानों पर पहले ट्रायल के बाद दूसरा ट्रायल शुरू होगा। यह तीन चरणों में पूरा होगा और इसमें 10,260 बच्चे और बड़े शामिल किए जाएंगे। वैक्सीन पर उनकी इम्युनिटी का क्या असर होता है और अलग-अलग उम्र के लोगों पर होने वाले प्रभाव को भी समझा जा सकेगा।
असफल रहा था बंदरों पर हुआ ट्रायल
ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी में कोविड-19 की वैक्सीन ChAdOx1 की जा रही है। हाल ही में बंदरों पर हुआ इस वैक्सीन का ट्रायल सफल नहीं रहा था। हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर के डॉ. विलयम हेसलटाइन के मुताबिक, जिन छह रीसस बंदरों पर इस वैक्सीन का ट्रायल किया गया उनकी नाक में उतनी ही मात्रा में वायरस पाया गया जितना कि तीन अन्य नॉन वैक्सीनेटेड (जिन्हें टीका नहीं लगाया गया था) बंदरों की नाक में था।