- नेतन्याहू की लिकुड पार्टी के 16 और गांत्ज की ब्लू एंड व्हाइट के 15 नेताओं को मंत्री बनाया गया
- नेतन्याहू ने कहा- फिलीस्तीन के क्षेत्र में मौजूद यूहूदी बस्तियों को देश में मिलाया जाएगा
दैनिक भास्कर
May 17, 2020, 10:43 PM IST
येरूशलम. इजराइल में एक साल में हुए तीन चुनाव के बाद बेंजामिन नेतन्याहू ने रविवार को गठबंधन सरकार में प्रधानमंत्री पद की शपथ ली। इसके साथ ही देश में 500 दिनों से जारी राजनीतिक संकट खत्म हो गया। पूर्व सेना प्रमुख बेनी गांत्ज और नेतन्याहू 18-18 महीने के लिए प्रधानमंत्री रहेंगे। नेतन्याहू पहले 14 मई को शपथ लेने वाले थे। लेकिन, उनकी पार्टी के कुछ सांसद मंत्रिमंडल में मिलने वाले मंत्रालयों से संतुष्ट नहीं थे। इसी वजह से 14 मई को होने वाला शपथ ग्रहण समारोह टल गया था।

‘जनता जो चाहती थी, उसे वह मिला’
इससे पहले नेतन्याहू ने रविवार को देश की संसद नेसेट में गठबंधन सरकार बनाने का दावा पेश किया। संबोधन में कहा, ‘‘हमने एक यूनिटी गवर्नमेंट बनाने और देश को चौथे चुनाव से बचाने का फैसला किया है। अगर देश में चौथे चुनाव होते तो काफी पैसा खर्च होता। जनता एक यूनिटी गवर्नमेंट चाहती है। उसे वही मिल रहा है।’’
फिलिस्तीनी क्षेत्र में यहूदी बस्तियों को इजराइल में मिलाने के मुद्दे पर नेतन्याहू ने कहा, ‘‘यह देश के कानून को लागू करने और जिओनिज्म के इतिहास में एक और गौरवशाली अध्याय लिखने का समय है।’’ जिओनिज्म यहूदियों के उस आंदोलन का नाम है, जिसके तहत इजराइल बसाने की तैयारी की गई थी।
वित्त और स्वास्थ्य मंत्रालय लिकुड पार्टी को मिले
नई गठबंधन सरकार में बेंजामिन नेतन्याहू की पार्टी से 16 नेताओं को मंत्री पद मिला है। वित्त मंत्री, स्वास्थ्य मंत्री, शिक्षा मंत्री, ऊर्जा मंत्री और परिवहन मंत्री लिकुड पार्ट के नेता ही बनाए गए हैं। इसके साथ ही 16 और मंत्रालय लिकुड पार्टी को मिले हैं।

विदेश और न्याय मंत्रालय ब्लू एंड व्हाइट पार्टी को मिले
बेनी गांत्ज की ब्लू एंड व्हाइट पार्टी को गठबंधन सरकार में 15 मंत्रालय मिले हैं। बेनी गांत्ज उपप्रधानमंत्री और रक्षा मंत्री बनाए गए हैं। इसके अलावा विदेश, न्याय, संस्कृति जैसे मंत्रालय ब्लू एंड व्हाइट पार्टी को मिले हैं।
कोरोना से लड़ने को एक हुए विपक्षी
नेतन्याहू और उनके विपक्षी रहे गांत्ज का कहना है कि कोरोना काल में देश को स्थिर सरकार की जरूरत है, लिहाजा गठबंधन जरूरी है। एक साल में हुए तीन चुनाव में किसी पार्टी को बहुमत नहीं मिली थी। अब दोनों ने मिलकर सरकार बनाई है। नेतन्याहू ने पांचवीं बार देश की बागडोर संभाली है। हालांकि, उनका यह लगातार चौथा कार्यकाल है।